नई दिल्ली. 1966 में एक फिल्म आई थी, बादल। इसे अस्पी ईरानी ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म में एक गाना था "अपने लिए जिए तो क्या जिए...तू जी ऐ दिल जमाने के लिए।" इस गाने को मन्ना डे ने गाया था और लिखा था जावेद अख्तर ने। ये वही गाना था, जिसे अफजल गुरु ने फांसी पर चढ़ने से पहले गाया था। अफजल गुरु 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था, जिसे 9 फरवरी 2013 को फांसी पर लटकाया था। जब अफजल को फांसी पर लटकाया गया, तब वहां सुनील गुप्ता भी मौजूद थे। सुनील गुप्ता तिहाड़ जेल में लॉ अफसर थे और 1981 से 2016 तक रहे। 35 साल तक तिहाड़ में नौकरी करने के दौरान सुनील गुप्ता ने 8 फांसियां देखीं। इसमें रंगा-बिल्ला से लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह की फांसी भी शामिल थी।
8 फांसी देख चुके तिहाड़ के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने बताया- आतंकी अफजल ने मरने से पहले गाना गाया था