नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (एसजी) ने कहा कि याचिकाकर्ता के ज्यादातर दावे गलत हैं। कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद उठ रहे हर एक सवाल का जवाब देना होगा।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था। इसके बाद वहां संचार साधनों के उपयोग समेत कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए थे। जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई भी शामिल हैं।
सरकार के हलफनामे से हम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे- कोर्ट
कोर्ट ने एसजी से कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने अपनी सभी दलील विस्तार में दी है। आपको उसके सारे सवालों के जवाब देने होंगे। सरकार के जवाबी हलफनामे से हम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच रहे हैं। यह धारणा न बनने दें कि आप मामले पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।’’ इस पर एसजी ने कहा कि प्रतिबंध के बारे में याचिकाकर्ता के ज्यादातर तथ्य गलत हैं। हम कोर्ट में बहस होने पर सभी पहलुओं पर जवाब देंगे।
हमने स्टेटस रिपोर्ट अभी दाखिल नहीं की: एसजी
एसजी ने कहा, ‘‘हमारे पास स्टेटस रिपोर्ट है। हमने रिपोर्ट अभी तक दाखिल नहीं की है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में हालात हर दिन बदल रहे हैं। हम कोर्ट को जवाब सौंपते वक्त वहां की वास्तिवक स्थिति दिखाना चाहेंगे। इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि कश्मीर में किसी के अधिकारों की कटौती न हो।’’
जम्मू-कश्मीर में हिरासत से संबधित कोई याचिका लंबित नहीं: कोर्ट
कोर्ट ने कहा, ‘‘हम अभी जम्मू-कश्मीर में हिरासत से संबंधित मामले पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हमारे पास घूमने और प्रेस की आजादी आदि से संबंधित केवल दो याचिकाएं लंबित हैं। ये याचिकाएं अनुराधा भसीन और गुलाम नबी आजाद की हैं। एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका इसलिए लंबित है कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट भी गया था। अब उसने हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली है।’’