कुछ शब्द और कुछ इशारों के साथ जब उसने कहा- नहीं! फांसी नहीं... सभी को जिंदा जला देना चाहिए

नई दिल्ली. “21 दिसंबर को मैं एक से डेढ़ घंटे निर्भया के साथ थी। बहुत से सवाल-जवाब हुए लेकिन मुझे उसकी एक बात बार-बार याद आती है और वह यह कि जब मैंने उससे पूछा कि अब तुम क्या चाहती हो? तो उसका पहला जवाब था कि सभी को फांसी मिले लेकिन थोड़ी ही देर रुककर वह बोली कि नहीं..फांसी नहीं..सभी को जिंदा जला देना चाहिए। कुछ शब्द और कुछ इशारों के साथ जब वो यह कह रही थी तो इसमें उन आरोपियों के लिए उसका गुस्सा और नफरत मैं महसूस कर सकती थी।”


ये शब्द उषा चतुर्वेदी के हैं, जो निर्भया से महज एक बार मिलीं थीं। 16 दिसंबर 2012 को हुई घटना के 5 दिन बाद एसडीएम उषा चतुर्वेदी, निर्भया का बयान लेने के लिए सफदरजंग हास्पिटल पहुंची थीं। उन्होंने उस एक मुलाकात में निर्भया का जो दर्द समझा, वह दैनिक भास्कर के साथ साझा किया। इन्हीं की तरह निर्भया के आखिरी दिनों में उनके साथ रोजाना घंटों गुजारने वाली तत्कालीन एसआई प्रतिभा शर्मा और डॉ. अरुणा बत्रा ने भी हमसे कुछ यादें साझा की। इस केस में दोषियों के खिलाफ अहम सबूत जुटाने वाले डॉ. बीके महापात्रा और डॉ.असित बी. आचार्या से भी हमने बातचीत की।


वो मुझे टकटकी लगाकर देख रही थी, शायद इस उम्मीद में कि मैं उसे न्याय दिला सकूं: उषा चतुर्वेदी
उस दिन को याद करते हुए उषा चतुर्वेदी बताती हैं, “जब पहली बार निर्भया को देखा तो अंदाजा लग गया था कि उसके साथ किस हद तक दरिंदगी हुई होगी। उसे ऑक्सीजन मॉस्क लगा हुआ था, लेकिन वो मुझे टकटकी लगाकर देख रही थी, शायद इस उम्मीद में कि मैं उसे न्याय दिला सकूं। मैं एक से डेढ़ घंटे निर्भया के साथ थी। इस थोड़े से समय में ही मुझे यह पता चल गया था कि वह न्याय तो चाहती ही थी लेकिन जीना भी चाहती थी। उसमें फिर से जीने का जज्बा भी था। हालांकि, जब मैं उसका बयान ले रही थी तब मुझे उसकी हालत देखकर लग चुका था कि उसका यह जज्बा उसकी चोटों के आगे घुटने टेक देगा। मैं जान गई थी कि उसका बचना मुश्किल है और जो बयान मैं दर्ज कर रही हूं वो डायिंग डिक्लेरेशन के तौर पर ही उपयोग होगा। मेरे सवालों का जवाब वह ऑक्सीजन मास्क हटाकर थरथर्राती आवाज में दे रही थी। जब नहीं बोल पाती तो इशारों से चीजें समझाने लगती। बयान के आखिरी में मैंने उसे इतना आश्वस्त कर दिया था कि उसने जो कुछ बोला है, वह उसे न्याय दिलाने के लिए काफी है और उसे न्याय जरूर मिलेगा।”


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