नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को असम में एनआरसी से लोगों के बाहर होने को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत कहा कि एक भी हिंदू को देश छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा. माना जा रहा है कि भागवत ने यह टिप्पणी संघ और भाजपा समेत उससे जुड़े संगठनों की बंद दरवाजे के पीछे हुई समन्वय बैठक के दौरान की. समन्वय बैठक के बाद संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि मोहन भागवतजी ने स्पष्ट कहा कि एक भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि दूसरे राष्ट्रों में प्रताड़ना और कष्ट सहने के बाद भारत आए हिंदू यहीं रहेंगे. असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की 31 अगस्त को जारी हुई अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा आवेदकों के नाम नहीं हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत पहली बार विदेशी मीडिया से करेंगे बात
संघ के सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूद कुछ नेताओं ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की कवायद शुरू करने से पहले राज्य में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लागू करने की जरूरत को भी रेखांकित किया. बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बंगाल में पहले नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होगा और इसके बाद एनआरसी लाई जाएगी. राज्य के हिंदुओं को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.