नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में पानी की खराब गुणवत्ता को लेकर कुछ इलाकों में गुरुवार को दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष से स्पष्टीकरण की मांग वाले होर्डिंग्स देखे गए। होर्डिंग्स में ‘दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष जवाब दें’ लिखा हुआ है। हालांकि होर्डिंग्स किसने लगाई है यह पता नहीं चल पाया है। यह मामला तब सामने आया, जब ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) ने एक रैंकिंग जारी की थी जिसमें दिल्ली के पानी को सबसे खराब गुणवत्ता वाला बताया गया था। दिल्ली सरकार ने ज्वाइंट टेस्टिंग टीम से इसकी दोबारा जांच करने को कहा है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने 16 नवंबर को एक रिपोर्ट जारी कर कहा था, “पानी की बेहतर गुणवत्ता के मामले में मुंबई शीर्ष पर है जबकि दिल्ली सभी 19 पैरामीटर पर फेल हो गए हैं। इसके बाद केजरीवाल ने 18 नवंबर को कहा था, “शहर के टैप वाटर की गुणवत्ता को सिर्फ 11 सैम्पल्स के आधार पर ही तय नहीं किया जा सकता।” पानी को लेकर यह सर्वे उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के दिशा-निर्देश के आधार पर पूरा किया गया था। इसमें पाइप के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचाए जा रहे पानी को सैंपल्स के तौर पर लिया गया था।
केजरीवाल ने पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए टीम गठित किया
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 20 नवंबर को दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और बोर्ड के सदस्य शलभ कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की थी और इन्हें पानी की गुणवत्ता की जांच करने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी के विभिन्न इलाकों से 3000 सैंपल्स इकट्ठे करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने यह फैसला तब लिया था जब दिल्ली के विभिन्न जगहों से लिए गए 11 नमूनों को 19 पैरामीटर पर पूरी तरह फेल पाया गया था।
स्वच्छ जल को मौलिक अधिकार बनाए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं: जलशक्ति मंत्री
जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरूवार को कहा कि स्वच्छ जल को मौलिक अधिकार बनाए जाने को लेकर सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार देश के हरेक घर तक पाइप के माध्यम से स्वच्छ जल पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्ध है। यह पहल जल जीवन मिशन के तहत किया गया है। उन्होंने कहा, “सदन के सभी सदस्यों से कहना चाहता हूं कि सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। देश के 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से तीन करोड़ से अधिक घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाया जा रहा है। शेष बचे 15 करोड़ घरों तक जल्द ही पानी पहुंचा दिया जाएगा। इसके लिए 3.5 लाख करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है।