सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- नया कानून बनाएं, केरल सरकार ने कहा- संशोधन जारी, महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी होगा

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से 4 हफ्तों में सबरीमाला मामले में नया कानून बनाने को कहा है। बुधवार को पंडलम राजघराने की याचिका पर सुनवाई करते हुए 3 सदस्यों वाली बेंच ने यह आदेश जारी किया। इस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि मंदिरों के प्रबंधन के लिए अलग कानून बनाया जा रहा है। साथ ही मंदिरों की सलाहकार समिति में महिलाओं को शामिल करने की बात भी कही। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई जनवरी, 2020 में करने का आदेश दिया।


 


मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस सुभाष रेड्डी, जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच से केरल सरकार के वकील ने कहा कि नए कानून के तहत उन सभी मंदिरों का प्रबंधन किया जाएगा, जिनका संचालन वर्तमान में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड करता है। कानून के ड्राफ्ट में मंदिरों की सलाहकार समिति में एक तिहाई प्रतिनिधित्व महिलाओं को देने का भी प्रस्ताव है। राज्य सरकार ने कहा कि फिलहाल 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को इसमें शामिल किया जाएगा।


 


फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में 65 याचिकाएं दाखिल
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कुल 65 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें 56 पुनरीक्षण याचिकाएं, 4 नई रिट याचिकाएं और 5 ट्रांसफर याचिकाएं शामिल हैं। सभी याचिकाकर्ताओं ने लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़े विषय में अदालती दखल के अधिकार को चुनौती दी थी। याचिकाओं में कहा गया- सबरीमाला में स्थित देव प्रतिमा ब्रह्मचारी स्वरूप की है और 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रवेश देकर, सदियों पुराने विश्वास को नहीं तोड़ा जाना चाहिए।


Popular posts
मोदी ने कहा- कोरोना से जीवन-मृत्यु की लड़ाई; लॉकडाउन से हुई परेशानी के लिए क्षमा मांगता हूं, सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाएं, इमोशनल डिस्टेंसिंग घटाएं
महिला वैज्ञानिक ने बेटी को जन्म देने से 4 घंटे पहले स्वदेशी टेस्टिंग किट तैयार की, यह विदेशी किट के मुकाबले 4 गुना सस्ती
मार्च के 27 दिनों में चीन में कोरोना के 1.7% केस आए, 383 मौतें हुईं; दुनिया में 573% मामले बढ़े और 27 हजार की जान गई
महाराष्ट्र में 8वीं मौत, बुलढाणा में 45 वर्षीय संक्रमित की जान गई; राज्य में मुंबई से बाहर यह पहली मौत
लॉकडाउन से मुंबई में रिश्तेदारों संग फंसे 200 कैंसर पीड़ित, बोले- सड़क पर रहने को मजबूर